मानव शरीर में बहुत सारे पार्ट होते हैं लेकिन हमारे शरीर में लीवर दूसरा इंपॉर्टेंट पार्ट होता है यह पेट की राइट तरफ होता है। लीवर का काम यह है कि वह हमारे खाए हुए भोजन को पाचन क्रिया में बदलने में मदद करता है साथ ही भोजन के ऐसे पदार्थ जो हम पचा नहीं पाते उन्हें बाहर निकालता है इसके अलावा रक्त को अन्य भागों में भेजने में सहायता करता है। लीवर हमारे शरीर में बहुत ही ज्यादा इंपॉर्टेंट है अगर हमारे लिवर में कोई समस्या आती है तो हमारा पूरा शरीर परेशान हो जाता है क्योंकि लिवर हमारा इंपॉर्टेंट पार्ट है I अगर लीवर खून पहुंचाने में खाने को पचाने में सही तरह कार्य करता है तो हमारा लीवर स्वस्थ होता है लेकिन अगर यह हमारे इन सभी कार्यों को सही से नहीं कर पाता तो इसका मतलब है कि हमारे लिवर में किसी तरह की समस्या है और बीमारी है जो नजर नहीं आ रही है I

अपने शरीर को हष्ट पुष्ट और अच्छा रखना चाहते हैं तो हमें अपने शरीर पर ध्यान देना पड़ता है और अगर हमारे लिवर में किसी भी तरह की बीमारी आती है तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज करना नहीं चाहिए क्योंकि अगर हमारे लिए प्रॉब्लम बढ़ने लगी तो आगे जाकर यह बहुत बड़ी प्रॉब्लम खड़ी कर सकती है। अब हम आपको बताने जा रहे हैं कि लीवर में कितने टाइप के प्रॉब्लम होते हैं और उसकी वजह क्या होती है –

1 . लिवर रोग के प्रकार .
2. लिवर रोग के कारण.
3. लिवर रोग के लक्षण .

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1.

लिवर रोग के प्रकार

. पीलिया – लिवर रोग में पीलिया रोग मुख्य होता है यह बच्चों में अधिक देखा जाता है और इसमें आंखें पीली हो जाती है यदि पीलिया का इलाज सही समय पर नहीं किया जाता तो समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।

. लिवर कैंसर – यदि लिवर में कैंसर टिशु का निर्माण होता है तो उसे लिवर कैंसर कहा जाता है I लिवर कैंसर बहुत तरह के होते हैं इसे पहचानना थोड़ा मुश्किल है लेकिन अगर किसी भी तरह की प्रॉब्लम आपको लीवर में लगे तो आपको डॉक्टर के पास जाने से पता चल जाता है कि आपको किस प्रकार का लिवर कैंसर हुआ है I

. फैटी लीवर – फैटी लीवर का मतलब होता है कि हमारे लिवर में ज्यादा मात्रा में फैट और टिशू जमा हो जाते हैं जिससे हमारे लीवर फैट हो जाता है यह भी हमारे लिवर में बहुत बड़ी प्रॉब्लम क्रिएट करता है इसका भी इलाज बहुत जरूरी होता है वरना यह बहुत ही ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है I

. हेपेटाइटिस – हेपेटाइटिस एक बहुत ही डेंजर बीमारी है जो हमारे लिवर को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाती है I यह खास तौर पर संक्रमण के कारण होता है यदि इसके शुरुआत में ही इसका इलाज कर लिया जाए तो सही है वरना यह बहुत ही घातक हो जाता है I

. लीवर में सूजन आना – बहुत अधिक मात्रा में तेल के पदार्थ और जंक फूड खाने से लिवर में सूजन आ जाती है जो की बहुत खतरनाक होती है हमारे पूरे शरीर में नुकसान पहुंचाने के लिए यह काफी होती है I

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लिवर रोग के कारण

. लिवर रोग के अन्य कारण होते हैं जैसे कि संक्रमण के कारण लीवर रोग होने का खतरा बहुत ज्यादा बना रहता है इसलिए हमें संक्रमण से बचना बहुत जरूरी होता है और साथ ही साथ लीवर रोग कुछ लोगों में अनुवांशिक कारण होने की संभावना भी बढ़ा देती है जिस वजह से हमें लीवर में होने वाले रोगों से बचने की जरूरत होती है और उसके लिए हमें अपने खानपान में ध्यान रखना भी जरूरी होता है I

. डायबिटीज के रोगों के लिए शरीर में उचित मात्रा में इंसुलिन का निर्माण नहीं होता है I अपना कार्य नहीं कर पाता और लिवर रोग का जोखिम बढ़ाता है इसलिए कहा जाता है कि डायबिटीज के लोगों को खाने पीने में बहुत ध्यान देना चाहिए क्योंकि डायबिटीज के लोगों का शरीर बिल्कुल सही नहीं होता और अगर वह अपने लीवर को मेंटेन रखने के लिए अपने खान-पान पर ध्यान ना दें उन्हें ज्यादा से ज्यादा समस्या होने लगती है I

. सिर्फ इतना ही नहीं कई बार आपने देखा होगा कि शराब पीने वाले लोगों को लिवर में ज्यादा प्रॉब्लम होती है तो इसका कारण यह है कि शराब का सेवन करने से लीवर खराब हो जाती है क्योंकि शराब हमारे लीवर पर डायरेक्ट असर करती है जिस वजह से हमारा लीवर खराब हो जाता है I

जो लोग बहुत ज्यादा मोटे होते हैं उन्हें भी लीवर की समस्या होती है जो फिट होते हैं उन्हें लीवर में कोई प्रॉब्लम नहीं होती लेकिन ज्यादा तेल मसाला खाने वाले लोग मोटे तो हो जाते हैं लेकिन उनके लीवर में बहुत प्रॉब्लम आ जाती है और लीवर खराब होने का खतरा बना रहता है I

कई बार कब्ज की समस्या भी लीवर में प्रॉब्लम क्रिएट कर देती है लिवर प्रॉब्लम बढ़ जाती है कब्ज होने से लीवर प्रभावित होने लगता है लेकिन कब्ज का घरेलू उपाय भी होता है लेकिन अगर कब्ज हो तो उसका जल्दी से इलाज कराना भी बहुत जरूरी है I

 

3.

लिवर रोग के लक्षण

. कमजोरी महसूस करना I
. आंखें पीली होना I
. थकान महसूस होना I
. पेट में दर्द होना I
. खुजली होना I
. उल्टी व मतली आना I
. खून की कमी होना I

यह सभी लीवर रोग के लक्षण है I

लिवर रोग का इलाज करने के लिए सबसे पहले मरीज खाने पीने में उठने बैठने रहने सहने हर चीज में परिवर्तन करवाना बहुत जरूरी होता है I इसके अलावा शराब की लत हो तो उसे छुड़ाना बहुत जरूरी होता है क्योंकि जो शराब पी रहा हो वह कभी भी लीवर की बीमारी से बच नहीं सकता उसे लीवर के अनेक बीमारियां होने लगती है और इसका इलाज भी तभी हो सकता है जब वह शराब पीना छोड़ दें I जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो वह आपको दवाइयां देते हैं आप का ट्रीटमेंट करते हैं और आपकी बीमारी को ठीक करने की कोशिश करते हैं लेकिन वह आपको भी बहुत कुछ करने के लिए कहते हैं जैसे कि अपने खानपान में बदलाव डाइटिंग और भी बहुत कुछ है जो वह आपसे करने के लिए कहते हैं और अगर आप उन सभी रूल्स को फॉलो नहीं करते तो आपको लीवर प्रॉब्लम ठीक होने में दिक्कत होने लगती है I

सही वक्त पर इलाज कराने से हमारा लीवर ठीक हो जाता है लेकिन अगर हम सही वक्त नहीं करवाते तो वह प्रॉब्लम बढ़ती रहती है और वह प्रॉब्लम इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि हमारा लीवर गंभीर रूप से खराब हो जाता है और फिर कोई दवा काम नहीं करती I इसके लिए भी डॉक्टरों ने सुविधा निकाली है वह यह है कि वह हमारा लिवर ट्रांसप्लांट करवाने की सलाह देते हैं जिससे लिवर ट्रांसप्लांट के जरिए खराब लीवर की जगह स्वस्थ लीवर लगा दिया जाता है जिससे हमारा लीवर पहले की तरह स्वस्थ हो जाता है I

लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी अक्सर तब की जाती है जब लीवर ठीक तरीके से काम नहीं कर पाता और डॉक्टर यह मान लेते हैं कि अब यह लीवर बिल्कुल ठीक नहीं हो पाएगा और वह दवा और इसका इलाज बिल्कुल नहीं कर सकते तब जाकर हमारा लिवर ट्रांसप्लांट होता है I लिवर ट्रांसप्लांट तब किया जाता है जब लीवर ठीक तरीके से काम नहीं कर पाता है I इसके अलावा खून के थक्के जमने हानिकारक बैक्टीरिया का प्रभाव तीव्र थोड़ा सा अधिक क्षति ग्रस्त हो ऐसे में स्वस्थ व्यक्ति के लिए वरदान लेकर रोगी व्यक्ति के लिवर को निकालकर स्वस्थ लिवर ट्रांसप्लांट किया जाता है I

अब हम आपको बता दें कि क्या क्या होने से लिवर ट्रांसप्लांट किया जाता है –

लिवर कैंसर होने पर लिवर ट्रांसप्लांट किया जा सकता है I
. मेटाबॉलिक रोग
.वायरल हेपेटाइटिस
.तीव्र यकृत परीगलन
. लीवर में सिरोसिस की समस्या होने पर लिवर ट्रांसप्लांट किया जाता है I
. लीवर में गंभीर रूप से समस्या हो जाने पर जब डॉक्टर भी इलाज करने से हार मान ले तब जाकर लिवर ट्रांसप्लांट किया जाता है I
. यह समस्या बच्चों में भी ज्यादातर पाई जाती है और बच्चों में भी लिवर ट्रांसप्लांट किया जाता है I

लिवर ट्रांसप्लांट कैसे होता है तो हम आपको बता दे कि लिवर ट्रांसप्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें लिवर फैलियर को सर्जरी के माध्यम से हटा दिया जाता है यदि लीवर बहुत प्रभावित हो चुका है तो डॉक्टर लीवर प्रत्यारोपण करने की सलाह देते हैं I लीवर प्रत्यारोपण का कार्य करने के लिए जिंदा या मरे हुए इंसान के द्वारा लिवर डोनेट किया जाता है जो रोगी को लगाया जाता है लेकिन डोनेट किए हुए लिवर भी बिल्कुल स्वस्थ होना चाहिए अगर उसमें किसी भी तरह की प्रॉब्लम होती है तो डॉक्टर रोगी को नहीं लगाते वैसा ही लिवर डोनेट में लेते हैं जो लीवर स्वस्थ हो वरना अगर लीवर में कुछ प्रॉब्लम हो तो उस लीवर को वह किसी भी कार्य में नहीं लाते I लीवर का स्वस्थ होना हमारे शरीर के स्वस्थ होने के बराबर होता है अगर हमारे लिवर में कुछ प्रॉब्लम होने लगती है तो हमारा खान-पान हमारा रहन-सहन हर चीज बदल जाता है और हम हमेशा थके हुए और परेशान रहने लगते हैं I इसलिए तरह-तरह के इलाज निकाले गए हैं जिससे कि हमारे लिवर में प्रॉब्लम ना हो I

लीवर में समस्या होने की सबसे बड़ी वजह यह होती है कि हमारा खान-पान जैसे कि हम जो भी खाते पीते हैं हमें इसका ध्यान रखना पड़ता है कि यह हमारे शरीर के लिए अच्छा है या नहीं और इससे ज्यादा समस्या करने वाला पदार्थ है शराब यह हमारे शरीर में सबसे पहले लीवर पर असर करता है यह सबसे पहले हमारे लीवर में समस्या क्रिएट करता है जिससे कि हमारा लिवर खराब होने लगता है और कई बार तो ऐसा होता है कि शराब पीने की वजह से समस्या इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि उसके बाद लिवर का इलाज भी नहीं हो पाता और लिवर ट्रांसप्लांट करना पड़ जाता है I इसमें बहुत पैसे लग जाते हैं I

अपने खाने पीने की चीजों में हेल्दी चीजों का सेवन करें जैसे प्रोटीन भरे खानपान, फल, ड्राई फ्रूट्स यह सब चीजें खाने से हमारा शरीर और हमारा लीवर भी हेल्दी रहता है और कोई समस्या भी नहीं होती I जब हमारे लिवर में सूजन होती है तो इसका सीधा असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है जिसकी वजह से शरीर कमजोर हो जाता है और भी कई बीमारियां घेर लेती है अगर आप समय पर इसका इलाज करवाते है तो यह धीरे-धीरे ठीक हो जाती है लेकिन अगर समय पर इसका इलाज ना किया जाए तो यह बहुत ज्यादा बढ़ जाती है I

अगर आपको लिवर समस्या है तो आप को कुछ बातों का खास ख्याल रखना पड़ता है जैसे कि –

. शराब का सेवन बिल्कुल भी ना करें क्योंकि अगर आप शराब का सेवन करते रहेंगे तो आप की लीवर समस्या कभी खत्म नहीं हो सकती चाहे आप कितना भी इलाज करवा ले लिवर ट्रांसप्लांट करवा ले कोई फायदा नहीं होगा I

. अपने खानपान में ध्यान रखें अगर आपको लीवर में किसी भी तरह की समस्या है तो आप मसालेदार खाना से दूर रहें तैलीय पदार्थ से दूर रहें और बाहर का खाना बहुत ही कम मात्रा में खाए या फिर ना ही खाए तो बेहतर है I

एक्सरसाइज करते रहे जिससे कि आपकी बॉडी फिट रहें और आप का लीवर सिस्टम सही रहे I

. आपको तो पता ही होगा कि लीवर हमारे शरीर में पचाने से लेकर पीत्त बनाने तक का काम करता है यह हमारे खाने को पचाता है लेकिन जब हमारे जीवन में प्रॉब्लम हो जाती है तो अपना काम सही से नहीं कर पाता है इसलिए बिल्कुल सादा खाना खाना पड़ता है जो कि आराम से डाइजेस्ट हो जाए I

हम आपको बता दें कि जो मसालेदार और तैलीय पदार्थ ज्यादा खाते हैं उन्हें लीवर की समस्या ज्यादा होती है उन्हें खाना पचता नहीं है और समस्या होने लग जाती हैं इस लीवर की समस्या से बचने के लिए हमें ज्यादातर अपने खान-पान पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है I

आपने फैटी लीवर का तो नाम सुना ही होगा तो अब हम आपको बताते हैं कि फैटी लीवर क्या है –

फैटी लीवर कोशिकाओं में अधिक मात्रा में फैट जम जाने के कारण हो जाती है लीवर में वसा की कुछ मात्रा का होना तो सामान्य बात है लेकिन फैटी लिवर बीमारी व्यक्ति को तब होती है जब वसा की मात्रा लीवर के भार से 10% अधिक हो जाती है ऐसी स्थिति में लिवर सामान्य रूप से कार्य करने में असमर्थ हो जाता है तथा अनेक लक्षणों को उत्पन्न करता है यह सब लक्षण होने से हमें तुरंत अपने लिवर की जांच करवानी पड़ती है और इसका इलाज कराना पड़ता है I

फैटी लिवर के लक्षण आपको देर से देखने को मिलेंगे लेकिन लंबे समय तक लीवर में अधिक वसा का जमा होना नुकसानदायक बन जाता है जैसे कि आमतौर पर 40 से 60 वर्ष की आयु में यह देखने को मिलता है क्योंकि तब बॉडी के सिम्टम्स कमजोर होने लगते हैं और हम जो भी खाते हैं वह हमारे लिए नुकसानदायक हो जाती है जिससे कि हमारे लिवर में फैटी लिवर की बीमारी उत्पन्न होने लग जाती है। फैटी लीवर का संबंध पित्त से बताया जाता है यानी पित्त के दूषित होने पर लीवर रोग ग्रस्त हो जाता है और यह कार्य नहीं कर पाता I
हम आपको बता दें कि फैटी लीवर दो प्रकार के होते हैं –

1. एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज –

शराब का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने वालों में यह लक्षण पाए जाते हैं अल्कोहल का अधिक सेवन लीवर पर फैट जमा होने के कारण है शराब का ज्यादा इस्तेमाल करने से लिवर में सूजन आ सकती है तथा लीवर खराब हो सकता है I

2. नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज –

तेल पदार्थ और मसालेदार खाना खाने से व्यक्ति में मोटापा एवं डायबिटीज की प्रॉब्लम होने लगती है जो कि फैटी लीवर होने में बड़े कारण है I शराब ना पीने पर भी इन स्थितियों में फैटी लीवर होने की पूरी संभावना रहती है I जैसे कि एक होता है कि शराब पीने पर भी लिवर फैटी होता है लेकिन एक तरफ हमारे ज्यादा तेलिय पदार्थ और मसालेदार खाना खाने से भी यह प्रॉब्लम हमारे शरीर में देखने को मिलती है I

एक्सपर्ट बताते हैं कि शरीर में लिवर में प्रॉब्लम होने की बहुत सारे लक्षण आपको देखने को मिलेंगे जैसे कि उल्टी होना, कम भूख लगना, थकावट ,दस्त होना ,पीलिया होना ,लगातार वजन घटना ,शरीर में खुजली होना एडिमा, पेट में तरल पदार्थ बन्ना,आदि है जो कि हमारे लिवर खराब होने के लक्षण होते हैं I

लिवर प्रोटीन उत्पादन और रक्त के थक्के से लेकर कोलेस्ट्रॉल और अन्य आयरन मेटाबॉलिज्म तक कई शारीरिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है I आप तो जानते होंगे कि माना जाता है कि हमारे शरीर का सबसे इंपॉर्टेंट पार्ट लीवर होता है क्योंकि अगर हमारा शरीर ही स्वस्थ नहीं रहा तो कुछ स्वस्थ नहीं रहता और अगर हम जो खाते हैं वह सही से पच नहीं पाता तो हमारे शरीर में बहुत प्रॉब्लम होने लगती है I

आजकल तो हर चीजों की बहुत अच्छे से इलाज निकल चुके हैं किसी भी प्रॉब्लम को आजकल आसानी से सॉल्व किया जा सकता है बस आपके पास पैसे होने चाहिए जिससे कि आप कुछ भी करवा सकते हैं लिवर ट्रांसप्लांट भी इसी का हिस्सा है इसे भी करवाने के लिए आपके पास पैसे होने चाहिए अगर आप इन सब बीमारियों से बचना चाहते हैं तो आपको एक स्वस्थ शरीर रखना पड़ेगा और स्वस्थ शरीर शरीर रखने के लिए आपको अपने खान-पान में ध्यान देना होगा शराब से दूर रहना होगा एक्सरसाइज समय-समय पर करना होगा और भी बहुत सारे टिप्स है जो डॉक्टर आपको बताते हैं और आप उसे फॉलो नहीं करते हैं जिस वजह से आपके शरीर में प्रॉब्लम आने लगती हैं I

लिवर रोग का परीक्षण 

लिवर रोग का परीक्षण करने के लिए चिकित्सक मरीज का पहले एक सामान्य परीक्षण करेंगे जिसमें मरीज से पिछली बीमारी इतिहास व लक्षण के बारे में पूछा जाता है इसके अलावा उनकी बीमारी का अच्छे से पता लगाने के लिए कुछ टेस्ट भी कर सकते हैं जैसे –

. ब्लड टेस्ट – लीवर में रोग का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है ताकि रोग का कारण जान सके I ब्लड टेस्ट हमारी बीमारी की जानकारी देने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि ब्लड टेस्ट करवाने के बाद हमें क्या प्रॉब्लम है यह हमें आसानी से पता चल जाता है I
. लिवर बायोप्सी – लीवर से टिशू में एक नमूना लेते हैं और लैब में जांच के लिए भेज देते हैं ताकि लीवर की बीमारी का पता लगाया जा सके और लीवर का रोग कितना फैला है यह भी पता लगाया जा सके I

. इमेजिंग टेस्ट – अल्ट्रासाउंड सिटी स्कैन और एमआरआई के माध्यम से पता लगाया जाता है कि लीवर कितना खराब हुआ है यह आजकल आम हो गया है किसी भी बीमारी की जांच के लिए हम इन सभी चीजों का इस्तेमाल करते हैं I

लीवर की बीमारी हमें किसी भी उम्र में हो सकती है I 70 फ़ीसदी मामलों में यह हेपेटाइटिस बीआरसी की वजह से होती है I लेकिन भारत में यह हेपेटाइटिस सी की वजह से ज्यादा होती है I ज्यादा शराब पीने और लंबे समय तक शराब पीने की वजह से भी लिवर खराब हो जाता है I 30 फ़ीसदी मामलों में लीवर की समस्या के पीछे हमारा रहन-सहन और खान-पान होता है I बच्चों में यह बीमारी जीन और एंजाइम डिफेक्ट की वजह से होती है I

यह एक खतरनाक बीमारी साबित होती है इस बीमारी से बचने के लिए अपना खास ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है अपने खान-पान में तेल और मसालेदार पदार्थ को कम क्वांटिटी में रखें और साथ ही साथ शराब का सेवन ना करें I इस बीमारी से दूर रहने के लिए अपना खास ख्याल रखें I लिवर फैटी और लिवर में होने वाली अन्य बीमारियों से बचे I डॉक्टर की दी हुई सलाह माने I अगर आपको भी इन सभी में से कुछ भी प्रॉब्लम होती है तो आप एक बार डॉक्टर से जांच जरूर करवाएं और अगर कुछ प्रॉब्लम हो तो उसे इलाज के द्वारा सही करने की कोशिश करें इसे इग्नोर करना आपकी लाइफ में बहुत बड़ी प्रॉब्लम ला सकता है I

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